कहने को सब साथ होते हैं, पर रहने को कोई नहीं।
मन में बहुत जज़्बात होते हैं, लेकिन बोलने को कभी कुछ नहीं।
दिखाने को बहुत प्रेम होता है, लेकिन मन में कभी नहीं।
और बाहर बहुत खुशियाँ होती हैं, लेकिन मन में कभी नहीं।
(सच्चाई : कहने को सब साथ होते हैं, पर रहने को कोई नहीं )
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