Skip to main content

न संघर्ष खत्म होता है और न ही शिकायतें, धीरे-धीरे जो खत्म हो रही है वो उम्र है।

 न संघर्ष खत्म होता है और न ही शिकायतें, धीरे-धीरे जो खत्म हो रही है वो उम्र है।

यह एक गहरी और विचारशील लाइन है, जो जीवन के अनगिनत पहलुओं को समेटे हुए है। यह सिर्फ शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि हमारे अस्तित्व के वास्तविक अनुभवों को अभिव्यक्त करने का एक तरीका है। जब हम इन शब्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हमें समझ में आता है कि जीवन की यात्रा में संघर्ष और शिकायतों का क्या महत्व है और वे कैसे समय के साथ हमारे जीवन का हिस्सा बन जाते हैं।

संघर्ष और शिकायतें: एक अनिवार्य हिस्सा

संघर्ष और शिकायतें जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। संघर्ष वह स्थिति है जब हम किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करते हैं, चाहे वह बाहरी हो या आंतरिक। यह संघर्ष हमें किसी समस्या से जूझने के लिए मजबूर करता है, और जब तक हम उस संघर्ष से बाहर नहीं आते, तब तक हमें महसूस होता है कि हमारी यात्रा अधूरी है।

चाहे वह व्यक्तिगत संघर्ष हो, रिश्तों का संकट हो या करियर की दिशा, हम सभी कभी न कभी संघर्षों से गुजरते हैं। और यही संघर्ष हमें जीवन में एक उद्देश्य देता है। यदि संघर्ष न हो, तो हम शायद कभी खुद को पहचाने नहीं पाते और न ही अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास कर पाते। लेकिन, यह भी सच है कि संघर्ष कभी खत्म नहीं होता। जब एक समस्या हल हो जाती है, तो दूसरी आ खड़ी होती है। यही जीवन की निरंतरता है।

शिकायतें भी इसी संघर्ष का परिणाम होती हैं। किसी बात या स्थिति को लेकर असंतोष, निराशा या दुख हमारी शिकायतों का रूप ले लेते हैं। हम अक्सर उन चीजों के बारे में शिकायत करते हैं, जो हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं, जैसे समय की कमी, परिस्थितियों का बदलाव, या किसी के साथ अनबन। इन शिकायतों का उद्देश्य शायद यह होता है कि हम अपने भीतर के असंतोष को बाहर निकाल सकें, लेकिन क्या कभी शिकायतें पूरी तरह खत्म होती हैं? शायद नहीं। जैसे संघर्ष कभी खत्म नहीं होते, वैसे ही हमारी शिकायतें भी जीवन के विभिन्न पड़ावों में रूप बदलती रहती हैं।

उम्र का अहसास

सच है कि 'धीरे-धीरे जो खत्म हो रही है, वो उम्र है,' यह हमें जीवन के अनमोल पहलू की याद दिलाती है। हम जितने अधिक संघर्षों में उलझते हैं और शिकायतों से घिरते हैं, उतना ही हम अपने समय को बर्बाद करते जाते हैं। जो समय हम इन मुद्दों पर ध्यान देने में बिताते हैं, वह हमारे जीवन का हिस्सा बन जाता है और हम भूल जाते हैं कि समय कितना कीमती है।

उम्र का अंतत: मतलब सिर्फ शारीरिक उम्र से नहीं है, बल्कि यह उस समय से भी है जो हम जीते हैं। जब हम शिकायतों और संघर्षों में फंसे रहते हैं, तो हम यह महसूस नहीं कर पाते कि समय कब बीत जाता है। जैसे-जैसे हम इन बातों में उलझे रहते हैं, हमारी उम्र धीरे-धीरे घटती जाती है। यह सच है कि संघर्ष और शिकायतें हमारी यात्रा का हिस्सा हैं, लेकिन अगर हम इनसे बाहर निकलकर जीवन को हल्के दिल से जीने की कोशिश करें, तो शायद हम अपने समय का अधिक मूल्य समझ सकें।

समय की महत्ता

समय, जीवन का सबसे अनमोल संसाधन है। हम जितना अधिक संघर्षों और शिकायतों में फंसे रहते हैं, उतना ही कम समय हमारे पास होता है अपने सपनों, इच्छाओं और चाहतों को पूरा करने के लिए। हर क्षण, हर दिन हमारे जीवन का एक अनमोल हिस्सा है, जो कभी लौटकर नहीं आता। संघर्षों और शिकायतों के बावजूद, हमें यह समझना होगा कि जीवन में जितना संभव हो, हमें अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए।

जब हम अपनी समस्याओं में इतने गहरे डूबे रहते हैं कि हमें आगे बढ़ने का मौका ही नहीं मिलता, तो हम खुद से ही चूक जाते हैं। यही वह समय होता है जब हमें यह एहसास होता है कि हमारी उम्र धीरे-धीरे घट रही है, लेकिन हम किसी और चीज़ में उलझे रहते हैं। यही वास्तविक जीवन का सबसे बड़ा त्रास है।

जीवन का उद्देश्य

इसलिए, यह जरूरी है कि हम संघर्षों और शिकायतों को जीवन की यात्रा का हिस्सा मानें, लेकिन इनमें न खो जाएं। हमें यह समझना चाहिए कि इनसे दूर रहते हुए हम अपने उद्देश्य की ओर बढ़ सकते हैं। हमें अपनी उम्र को इस प्रकार जीना चाहिए कि हर दिन हमें कुछ नया सीखने और हासिल करने का मौका मिले।

उम्र का असली अर्थ तब समझ में आता है, जब हम अपने समय को संघर्षों और शिकायतों से बाहर निकालकर, उसे सृजन, आनंद और विकास में लगाते हैं। हर पल को पूरी तरह जीने का नाम ही जीवन है। यह कभी नहीं रुकता, लेकिन हमें इसे पूरी तरह जीने की समझ होनी चाहिए।

निष्कर्ष

संघर्ष कभी खत्म नहीं होते और शिकायतें भी कभी पूरी तरह दूर नहीं जातीं। वे जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन जो धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, वह हमारी उम्र है। हर संघर्ष के साथ, हर शिकायत के साथ हमें यह समझना चाहिए कि जीवन के असल खजाने हमारे भीतर हैं और हमें उन्हें पहचानने का समय निकालना चाहिए। अगर हम अपने समय का सही उपयोग करें, तो हम न केवल अपनी शिकायतों से ऊपर उठ सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी एक नए उद्देश्य के साथ जी सकते हैं।





Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

The Few Who Understand

Every day, we meet hundreds of people who wish us hello, hi, and bye. However, there are only a few people who can understand us in our lows and highs. In the noise of the crowd, we often feel lost, drifting through faces, but paying the cost. We share fleeting moments, brief as a sigh, yet crave that connection that reaches the sky. Some offer a smile, while others just stare, but only a few truly show that they care. They listen intently, with hearts open wide, inviting us in, letting feelings collide. Through laughter and sorrow, they walk by our side, their presence a comfort, our fears set aside. So let us treasure those who see through the haze, for they are the light that brightens our days.

बदलते समय, स्थायी सत्य - Changing Times, Constant Truths

 कहानी वही होती है। किरदार बदल जाते हैं। रिश्ते वही होते हैं। जज़्बात बदल जाते हैं। दोस्ती वही होती है। अहमियत बदल जाती है। नसीब वही होता है। समय बदल जाता है। The story remains the same; Characters change. Relationships remain, Emotions change. Friendship stays the same; Importance changes. Fate remains the same; Time changes.                                   

In My Garden - A Poem

In my garden, I see life begin to bloom, God’s creation gently rising from the gloom. With colors so vibrant and scents that delight, Nature awakens in the warm morning light. I rise from the ground, becoming a plant, With sunlight, water, and air, I enchant. I take birth in a world that can sometimes be unfair, Yet I’m nurtured with love, care, and affection rare. Though sometimes it feels like love’s just a show, I strive to grow strong and let my true colours show. Capable of making my own food with ease, As I grow tall, I offer shade and peace. I’ve witnessed emotions, both joy and pain, I hold cherished memories like drops of rain. Called a 'Blessed Tree,' I provide shelter so deep, In a world that feels bleak, I guard dreams as they sleep. Surrounded by plants, I watch children play, Listening to laughter as they learn every day. Nurtured by gratitude and affection's bright light, The flowers are children; I bloom with delight.