दिन-दिन कर बीत रही जिंदगी,
जो बीत रहा है, वो समय नहीं, जिंदगी है।
जिंदगी एक ऐसी कहानी है,
जो बीत गई तो कभी वापस नहीं आनी है।
हम अक्सर जिंदगी,
कल के सुख के इंतजार में जीते हैं,
और आज नहीं जीते हैं,
पर निराश होकर जीना,
क्या जीना है?
इसलिए खुश होकर जीना ज़रूरी है।
जिंदगी की राहों पे बस चलना है,
हर मोड़ पे एक नई उम्मीद को रखना है,
हर मुश्किल को झेलकर,
अपने लक्ष्य को देखना है।
समय की चाल, कभी धीमी कभी तेज़ होगी,
जिंदगी के रास्ते में, खुद अपनी पहचान बनानी है।
जिंदा रहकर, हर दर्द को अपना कर आगे बढ़ना है,
और खुश रहना है और खुशियाँ बाँटना है।
जिंदगी का मज़ा तब है, जब हम जीने की बात करते हैं।
छोटी-छोटी बातों में, खुशियाँ ढूँढकर हंसते और खुश रहते हैं,
जिंदगी को जीना है, दुखों को भूलना है
और अपने सपने को पूरा करना है।
जिंदगी की राह में कभी धूप है, कभी छाँव,
पर जो सच में जीता है, वो कभी नहीं रोता।
हर पल को अपनाना है, हर दिन को सजाना है,
जिंदगी एक सफ़र है, उसे खूबसूरत बनाना है।
छोटे-छोटे पलों में, अपनी प्रसन्नता ढूँढनी है,
और अपने सपनों को हकीकत में बदलना है।
जहाँ हैं हम, वहाँ खुश रहना है,
जिंदगी का असली रंग अपने अंदर ढूँढना है।
और आख़िरकार, जब सफ़र ख़त्म हो,
तो ये मन में शांति हो कि हमने जिंदगी जी ली।
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