कोई किसी की नहीं सोचता,
जिसे जो करना है, वो कर रहा है।
दूसरों की तकलीफों से उसे क्या,
जो चाहा उसने, वही कर रहा है।
दिल में क्या है, कोई नहीं जानता,
बातों की सच्चाई, कोई नहीं मानता।
इंसान की भावनाओं की क्या कीमत है,
हर कोई अपनी राह पर, बस आगे बढ़ता है।
जो दिल में छुपा है, कोई नहीं समझता,
कभी किसी का दिल टूटता है, कभी कोई रुलाता है।
मगर परवाह किसी को नहीं,
सब अपनी दुनिया में खोते हैं, यही सच्चाई है।
हमेशा यही दिखावा चलता है,
दूसरों की भावनाओं का कोई ख्याल नहीं करता है।
दुनिया में सबकी अपनी उलझनें हैं,
इसीलिए शायद कोई किसी का दर्द नहीं समझता है।
जिंदगी का यही अजीब सच है,
कभी किसी से उम्मीद रखना बेवकूफी सा लगता है।
क्योंकि इस दुनिया में हर कोई अपनी राह पर चलता है,
और भावनाओं की कदर करने वाला कोई नहीं मिलता है।
फिर भी हम उम्मीद रखते हैं, उम्मीद से जीते हैं,
शायद एक दिन, कोई हमें भी समझे, हमसे भी जुड़े।
तब तक हम अपनी जिंदगियों में खुश रहें,
और दिल में उम्मीद की एक लौ जलाए रखें।
Description:यह कविता जीवन की सच्चाई और समाज के असली पहलुओं को व्यक्त करती है। इसके माध्यम से यह बताया गया है कि आज के समय में लोग अपनी राह पर चलते हैं, बिना किसी की परवाह किए, और दूसरों की भावनाओं का कोई सम्मान नहीं करते।
कविता में यह संदेश दिया गया है कि हर व्यक्ति अपनी उलझनों और इच्छाओं में इतना खोया हुआ होता है कि वह दूसरों की तकलीफों और भावनाओं को समझने में असमर्थ रहता है। किसी का दिल टूटता है, कोई रोता है, लेकिन इन भावनाओं की कदर कोई नहीं करता। इस समाज में, सब अपनी दुनिया में खोये रहते हैं, और यह अजीब सच है कि लोग एक-दूसरे की स्थिति और दर्द को महसूस नहीं करते।
फिर भी, इस सारी निराशा के बावजूद, कविता में उम्मीद की एक किरण भी है। यह कहता है कि चाहे हमें कोई न समझे, हमें अपनी राह पर चलते रहना चाहिए और दिल में उम्मीद की लौ जलाए रखनी चाहिए। इस उम्मीद के साथ हम जीते हैं, कि शायद एक दिन कोई हमारी भावनाओं को समझे और हमारे साथ जुड़े।
कविता का सार यह है कि जीवन के इस कठोर और असंवेदनशील सत्य को स्वीकारते हुए, हम खुद को न खोते हुए, उम्मीद के साथ आगे बढ़ते रहें।
कोई किसी की नहीं सोचता,
जिसे जो करना है, वो कर रहा है।
अपनी राह पर हर कोई चला,
नहीं है किसी को परवाह, वो जो कर रहा है।
दिल की बातें, दिल में ही रह जातीं,
दूसरों की तकलीफें कोई नहीं समझ पाता।
हर कोई अपनी दुनिया में खोया,
कभी किसी का दर्द नहीं सुनता।
भावनाओं की कीमत कोई नहीं जानता,
बस अपनी मर्जी से चलता है।
पर कहीं न कहीं, अंदर का इंसान,
दूसरों की सोच में खो जाता है।
जीने की एक अपनी राह है,
कभी समझें, कभी न समझें।
फिर भी उम्मीदों का उजाला जलाए रखें,
क्योंकि दिल की सच्चाई कभी खत्म नहीं होती।
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